गांव की बच्ची कैसे बनी IAS टॉपर, सुरभि गौतम की प्रेरक कहानी

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Surabhi Gautam IAS

गांव के सभी बच्चों की तरह अंग्रेजी में कमजोर बच्ची ने जब ठान लिया तो फिर उसने वो कर दिखाया जो लाखों बच्चों का सपना होता है। देश की सबसे बड़ी परीक्षा पास करके मध्य प्रदेश की सुरभि गौतम लाखों बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं। सुरभि एक नहीं आधा दर्जन से ज्यादा परीक्षाएं पास करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी हैं।

 

आईएएस सुरभि गौतम की इस अद्भुत औऱ प्रेरक यात्रा की शुरुआत मध्य प्रदेश के सतना जिले के अमडारा गांव से होती है। सुरभि की स्कूली पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल से हुई। उन्होंने 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में न सिर्फ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया बल्कि प्रदेश की मेरिट लिस्ट में अपनी जगह बनाई।

 

मध्य प्रदेश के एक साधारण परिवार में जन्मी सुरभि के पिता स्थानीय मैहर कोर्ट में वकील हैं, जबकि उनकी मां, डॉ. सुशीला गौतम, स्थानीय हाई स्कूल में टीचर हैं। ग्रामीण परिवेश, संसाधनों की कमी और हिंदी मीडियम की पढ़ाई के बावजूद, सुरभि अपनी विल पॉवर से ख्वाहिशों का पीछा करती रहीं और मंजिल पर शानदार तरीके से दस्तक दी।

 

सुरभि ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में ही साबित कर दिया था कि उनमें असाधारण क्षमता है। उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 10वीं और 12वीं कक्षा की राज्य मेरिट सूची में एक उच्च स्थान हासिल किया। हालांकि 12वीं की परीक्षा के दौरान वो बीमार थीं। उन्हें रेवमेटिक बुखार (Rheumatic Fever) का सामना करना पड़ा। उन्हें हर 15 दिन में सतना से 150 किलोमीटर दूर इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाना होता था। लेकिन सुरभि ने हार नहीं मानी।

 

12वीं के बाद सुरभि ने भोपाल के एक कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार अभियांत्रिकी (Electronics and Communication Engineering) में बीटेक किया। अंग्रेजी ने यहां सुरभि को परेशान करना शुरु कर दिया। इंजीनियरिंग कॉलेज में अंग्रेजी न बोल पाना उन्हें अंदर से इनफीरियारिटी कॉम्लेक्स देने लगा। हार मानने के बजाए सुरभि ने इसका एक तोड़ निकाला। वो हर रोज अंग्रेजी के 10 नए शब्दों को याद करने लगीं। धीरे-धीरे उनकी अंग्रेजी न सिर्फ ठीक हो गई बल्कि उन्होंने पहले सेमेस्टर में अपनी कक्षा के टॉप किया। उन्हें कॉलेज के चांसलर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

 

बीटेक पूरा होने के बाद उन्हें कैम्पस प्लेसमेंट के माध्यम से TCS में नौकरी मिल गई। लेकिन सुरभि का दिल सिविल सेवाओं में जाने के लिए बेताब था। उन्होंने नौकरी छोड़ दी। सुरभि ने जीतोड़ की मेहनत की और उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने एक नहीं ISRO, BARC, GTE, MPPSC, SAIL, FCI, SSC, और दिल्ली पुलिस जैसी कई परीक्षाओं को क्रैक किया।

 

सुरभि ने 2013 में IES की परीक्षा में टॉप किया औऱ ऑल इंडिया में पहला स्थान हासिल किया। 2016 में, सुरभि ने अपनी मंजिल हासिल कर ली। सुरभि मे 50वीं रैंक के साथ IAS परीक्षा को पास किया। सुरभि लाखों बच्चों के लिए प्रेरक हैं खासतौर वो जो ग्रामीण परिवेश से आते हैं।

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