बांग्लादेश के अनेक हिस्सों में इस्लामी कट्टर पंथियों के द्वारा मंदिरों और वहां के हिंदुओं पर हाल ही में जो हिंसक हमले किये गए उसकी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच कठोर निंदा करता है। पाकिस्तान में भी धार्मिक अल्पसंख्यकों पर इसी प्रकार से हमले होते हैं, उनको प्रताड़ित किया जाता है जिससे यह लगता हैं कि इस्लाम अमन और भाईचारे से दूर होता जा रहा है। मंच का यह मत है कि ऐसी हिंसक घटनाएं गैर इस्लामी हैं और उसके माननेवालों की धार्मिक असहिष्णुता की मानसिकता को व्यक्त करती हैं।
इस्लाम वह धर्म है जो सलामती, अमन, भाईचारे और शांति का संदेश देता है। परंतु इस प्रकार से अन्य मजहबों के पूजास्थल और व्यक्तियों पर हुए हिंसक हमलों ने इस शांति के मजहब को एक हिंसक धर्म की श्रेणी में ला खड़ा किया है जिसकी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच कड़ी भर्त्सना करता है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच भारत के और दुनिया के मुस्लिम भाई-बहनों, धार्मिक संगठनों और धार्मिक नेताओं से यह अपील करता हैं कि वे इस प्रकार की धार्मिक असहिष्णुता व्यक्त करने वाली हिंसक घटनाओं की कठोर शब्दों में निंदा करें साथ ही इन घटनाओं में लिप्त हिंसक तत्वों के खिलाफ सख्त कारवाई की बांग्लादेश सरकार से मांग करें।
इस्लाम के सही स्वरूप को जानने वाले दुनियाभर के मुसलमान ऐसी घटनाओं के कारण नाराज हैं और इस्लाम के सही प्रतिमा के दागदार होने से चिंतित भी हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ऐसे मुसलमानों से भी अपील करता है कि वे ऐसी घटनाओं की निंदा करें। इस्लाम वास्तव में धार्मिक सहिष्णुता का सबक सिखाता है और इस सत्य को पुनःस्थापित किया जाना चाहिए। नबी के दिखाए गए सुफिज्म का रास्ता ही इस्लाम का असल चेहरा होना चाहिए।
इसी प्रकार मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ़्ती के उस बयान की भी घोर निंदा करता हैं जिसमे उन्होंने पाकिस्तान के क्रिकेट मैच में भारत के खिलाफ विजय की धारा 370 के निरस्त किये जाने पर जो खुशी मनाई गई उससे की।
महबूबा मुफ्ती ने कल यह कहकर पाकिस्तान के क्रिकेट टीम के जीत पर जिन लोगों ने खुशी मनाई और पटाखे फोड़े उनको सही ठहराते हुए कहा कि जब धारा 370 निरस्त किये जाने पर लोगों ने खुशी मनाई और मिठाइयां बांटी तब किसी ने विरोध नहीं किया तो अब क्यों? इस प्रकार का देश विरोधी वक्तव्य देकर उन्होंने वतन का, मजहब का और रसूल का भी घोर अपमान किया है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच उनके इस बयान की घोर मजम्मत करता है और अपील करता है कि ऐसे देश विरोधी नेताओं का सामाजिक बहिष्कार किया जाए।
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