October 9, 2024

मुस्लिम आरक्षण मांगने वाले संविधान को खत्म और देश को बांटना चाहते हैं: इंद्रेश कुमार

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मुस्लिम आरक्षण
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नई दिल्ली, 29 मई। आरएसएस कार्यकारिणी के सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने इंडिया गठबंधन, ममता बैनर्जी और मुस्लिम आरक्षण के हिमायतियों की आलोचना करते हुए कहा कि ये सभी मुस्लिम वोट खरीदने की लालच में जहर बो रहे हैं। ऐसे लोग देश विभाजन के द्रोही जैसे हैं। इंद्रेश कुमार ने यह बातें नई दिल्ली में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की बैठक में कही। इस अवसर पर अनेकों उलेमा, मुफ्ती, बुद्धिजीवी, युवा, महिलाओं के साथ साथ अनेकों मुस्लिम फिरके से लोग मौजूद थे। कार्यक्रम इंडिया इस्लामिक सेंटर में हुआ था जिसका टॉपिक था, “मजहबी आरक्षण या मजहबी उन्माद” की साजिश?

 

मुस्लिम वोट खरीदने का खेल

संघ नेता का कहना है कि इस तरह के तुष्टिकरण के चक्कर में देश जुड़ेगा नहीं बल्कि बंट जाएगा। इंद्रेश कुमार ने कहा कि धर्म और मजहब के नाम पर सन 1949 में जब संविधान निर्माण हो रहा था तब पंडित नेहरू समेत सभी लोगों ने मिल कर धर्म के नाम पर आरक्षण का विरोध किया था। इसका कारण था कि भारत देश आजादी के नाम पर बंट कर हिंदुस्तान और पाकिस्तान बन गया था। जिसके कारण 10 से12 लाख लाशें बिछीं थी और दो ढाई करोड़ लोग उजड़े थे। विभाजन बहुत ही क्रूर और रक्तपात से भरा था जिसकी कसूरवार कांग्रेस थी।

 

लोकतंत्र के लिए अभिशाप कांग्रेस व कुछ दल

MRM के मार्गदर्शक ने कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस का रवैया संविधान और लोकतंत्र को खत्म करने वाला रहा है। सन 1950 में स्वयं पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान को बांट दिया था। जम्मू कश्मीर प्रदेश को अलग संविधान, अलग नागरिकता आदि दे दिए अर्थात संविधान और लोकतंत्र पर क्रूर प्रहार कांग्रेस ने किया। उसके विरुद्ध आंदोलन चला, अनेकों बलिदान हुए। हजारों राष्ट्रवादियों को जेल जाना पड़ा। 5 अगस्त 2019 को जाकर देश एक संविधान, एक झंडा और एक नागरिकता में बदला। और यह सब कुछ संभव हुआ राष्ट्रवादी दल बीजेपी, एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण। इसी प्रकार सन 1975 में इंदिरा गांधी ने चुनाव हारने के बाद प्रजातंत्र को तार तार कर इमरजेंसी के रूप में तानाशाही फैसला किया। उस समय बीजेपी आरएसएस के हजारों लोगों ने जेल जाकर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने का ऐतिहासिक काम किया, जिसके लिए उन्होंने यातनाएं भरी जेल की जिंदगी गुजारी।

 

कटघरे में इंडी एलायंस

संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस और इंडी गठबंधन से सवाल करते हुए कहा कि अगर मुस्लिमों को आरक्षण दिया जाएगा तो फिर क्या बाकी समुदाय आरक्षण को लेकर आंदोलन नहीं करेंगे? उन्होंने सवाल किया कि मुस्लिमों को आरक्षण के बाद सिखों, बौद्धों, पारसियों, जैनियों, ईसाइयों एवं अन्य धर्मों के भी अनेकों फिरके हैं… क्या सभी आंदोलन के लिए नहीं उठ खड़े होंगे? ऐसे में आप किसको आरक्षण देंगे और किसको नहीं देंगे? क्या इससे देश की एकता अखंडता संप्रभुता समरसता, भाईचारा नहीं बर्बाद होगी? मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना लेकिन कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने समाज में जहर घोल दिया है। अब मजहब के नाम पर नफरत और दंगे बढ़ेंगे।

 

ममता की तानाशाही नहीं चलेगी

इंद्रेश कुमार ने कहा कि कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश को नहीं मानने की ममता बैनर्जी की घोषणा ने यह साबित कर दिया कि ऐसे लोगों को न तो संविधान की इज्जत करना आता है और न ही न्यायपालिका का सम्मान करना आता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का तानाशाही रवैया देश और समाज को विखंडित करने वाला है। उन्होंने कहा कि देश सुरक्षित रखने के लिए ममता की तानाशाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। क्या ममता की तानाशाही उचित है? देश के टुकड़े टुकड़े क्यों करना चाहते हैं यह सभी नेता एवं दल?

 

जातीय के साथ आर्थिक आरक्षण

इंद्रेश कुमार ने कहा कि जातीय के साथ आर्थिक आरक्षण तो मंजूर है परंतु मजहबी आरक्षण देश के एससी, एसटी, ओबीसी कोटे पर कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि जाति आधार पर पहले ही देश में शोषित समाज को (एससी-एसटी और ओबीसी जैसे वर्ग) आरक्षण उपलब्ध है। इससे सभी जातियों और कमज़ोर लोगों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है। इस समय केंद्र में 50 प्रतिशत आरक्षण एससी, एसटी और ओबीसी को है और 10 प्रतिशत आरक्षण ईडब्ल्यूएस (इकोनॉमिक वीकर सेक्शन/आर्थिक रूप से कमज़ोर) को मिलता है। जबकि अलग अलग राज्यों में आरक्षण का प्रतिशत अलग अलग है। इंद्रेश कुमार ने सवाल किया कि मजहबी आरक्षण कितना होगा? मजहबी आरक्षण के लिए एससी, एसटी, ओबीसी कोटे पर कितना हथौड़ा चलेगा? उन्होंने कहा कि इंडी एलायंस इस पर जवाब दे।

 

मुसलमानों ने माना कांग्रेस की साजिश

कार्यक्रम के अंत में मुसलमानों ने कहा कि हम हिंदुस्तानी थे, हैं और रहेंगे। लोगों ने कहा कि मजहबी आरक्षण मुसलमानों को खरीदने की कोशिश है। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने कहा कि कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगी दलों की साजिश से दूर रहते हुए समाज को जागृत करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का षड्यंत्र, खुद्दारी की बजाय मुसलमानों को गुलाम बनाने का है। मजहबी एकता में बैर, दंगे की शुरुवात है। संविधान को तार तार करने का रास्ता है। मौजूद लोगों ने कहा कि संविधान और देश को खतरा कांग्रेस और इंडी एलायंस से है। लोगों ने माना कि मजहबी आरक्षण की बात कर के कांग्रेस ने देश तोड़ने की साजिश रची है।


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