October 9, 2024

NITI Aayog नीति आयोग का पुनर्गठन। सहयोगी दलों को मिली जगह। बदलाव क्यों?

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NITI Aayog: केंद्र सरकार ने नीति आयोग का पुनर्गठन कर दिया है. इस बार ऐसा क्या बदला है जिसकी खूब चर्चा हो रही है। ये भी जानेंगे लेकिन उससे पहले जान लीजिये कि नीति आयोग क्या है? नीति आयोग काम क्या करता है?

नीति आयोग (NITI Aayog) यानी नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (National Institution for Transforming India) । ये है इसका पूरा नाम।

यह भारत सरकार का सबसे बड़ा थिंक टैंक है। नीति आयोग सरकार के हर क्षेत्र के लिए विजन, रणनीति और कार्य योजना बनाता है। जिससे भारत तरक्की की राह पर दौड़े। इसलिए ये बहुत महत्वपूर्ण संस्था है।

प्रधानमंत्री नीति आयोग (NITI Aayog) के पदेन अध्यक्ष होते हैं। इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी अध्यक्ष हैं। लेकिन इस बार नीति आयोग में सहयोगी दलों को भी जगह दी गई है। किसे जगह मिली आगे बात करेंगे लेकिन पहले देखते हैं जिनके कंधों पर नीति आयोग चलेगा वो अर्थशास्त्री कौन है।

सुमन के बेरी नीति आयोग (NITI Aayog) के उपाध्यक्ष बनाए गए हैं।  सुमन बेरी बड़े अर्थशास्त्री हैं। 28 वर्षों तक विश्व बैंक में सेवा दे चुके हैं।

अरविंद वीरमानी को सदस्य बनाया गया है- अर्थशास्त्री हैं, आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक में काम कर चुके हैं। आरबीआई और प्लानिंग कमीशन में पहले भी रह चुके है। भारत सरकार के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर रह चुके हैं।

डॉ वी.के सारस्वत सदस्य बनाए गए हैं। रक्षा वैज्ञानिक हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में वैज्ञानिक रहे और बाद में महाप्रबंधक बने। रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे।

प्रोफेसर रमेश चंद सदस्य बनाए गए हैं। कृषि अर्थशास्त्री हैं।

डॉ वी.के पॉल सदस्य बनाए गए हैं। एम्स के डॉक्टर हैं। आयुष्मान भारत और पोषण जैसी स्कीम के कर्ताधर्ता हैं।

नीति आयोग (NITI Aayog) का पुनर्गठन किया गया है। बीजेपी के मंत्री तो इसमें शामिल हैं ही, इस बार इसमें सहयोगी दलों के वरिष्ठ मंत्रियों को भी जगह मिली है।

नीति आयोग के पदेन सदस्यों की बात करें तो इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को शामिल किया गया है।

जबकि पिछली बार पदेन सदस्यों में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर थे।

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इनके अलावा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा, भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी, एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, पंचायती राज मंत्री लल्लन सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार, नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू, आदिवासी मामलों के मंत्री जुएल ओराम, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार राव इंद्रजीत सिंह को विशेष आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया है।

पीयूष गोयल और अश्विनी वैष्णव पिछली बार विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए थे। इस बार इन्हें शामिल नहीं किया गया है।

सहयोगी दलों की मंत्रियों का नीति आयोग में सदस्य बनाना  मोदी सरकार में सहयोगी दलों के बढ़ते कद और महत्व को दिखाता है।

सहयोगी दलों पर सरकार की निर्भरता इसकी एक बड़ी वजह है। क्योंकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं जुटा पाई। सहयोगी दलों के भरोसे ही ये सरकार चल रही है। सत्ता का समीकरण जरा भी इधर से उधर हुआ तो ये सरकार बहुमत खो देगी। इसीलिए सहयोगी दलों से अब सरकार के फैसलों और नीतियों में सहयोग लिया जा रहा है, कम से कम ऐसा प्रतीत तो हो रहा है।

 


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