आरएसएस के बड़े नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को मुंहतोड़ जवाब दिया है। दरअसल, बड़बोले इमरान खान से शुक्रवार को ताशकंद में जब पूछा गया कि अफगानिस्तान में तालिबान को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की क्या भूमिका है, तो वे इसका जवाब टाल गए। लेकिन उन्होंने भारत से रुकी हुई बातचीत के पीछे आरएसएस की विचारधारा को जिम्मेदार बताया। इस पर इंद्रेश कुमार ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि इमरान के बयान से यह साफ है कि पाकिस्तान तालिबानी मानसिकता वाला देश था, है और बना रहेगा।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि इमरान खान का बयान इस बात का प्रतीक है कि पाकिस्तान अपने जन्म से ही जहर से भरे हुए हुक्मरानों का देश है। पाकिस्तान की जनता शांति से रहना चाहती है, लेकिन पाकिस्तान के हुक्मरान तो अपने ही मुल्क के दुश्मन हैं। 1971 में उनके जहरीले भाव ने पाकिस्तान तोड़ दिया और बांग्लादेश अलग हो गया। अब उनके जहरीले बयानों से सिंध, बलूचिस्तान, पख्तूनिस्तान फिर से पाकिस्तान से टूटकर अलग होने की राह पर चल पड़े हैं।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान की विचारधारा ही इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने हिंदुस्तानियों को दो हिस्सों में बांट रखा है। पाकिस्तान के हुक्मरानों की तालिबानी विचारधारा मानवता, शांति और भाईचारे की दुश्मन है। उसी जहर को इमरान ने आरएसएस पर थोंपने की कोशिश की, लेकिन इससे पाकिस्तान का यह चरित्र सामने आ गया कि वे तालिबानी मानसिकता का था, है और बना रहेगा। पाकिस्तान शांति से दूर जा चुका है और टूटने की ओर बढ़ रहा है।
मध्य-दक्षिण एशियाई कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने उज्बेकिस्तान के ताशकंद में आए इमरान खान से भारतीय मीडिया ने पूछा कि क्या तालिबान पर आपका नियंत्रण नहीं है? इमरान इसका जवाब टाल गए। जब उनसे पूछा गया कि क्या बातचीत और आतंकवाद, दोनों साथ चल सकता है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम भारत का कितने दिनों से इंतजार कर रहे हैं कि हम सिविलाइज्ड हमसाये बनकर रहें, लेकिन क्या करें, आरएसएस की विचारधारा रास्ते में आ गई है।
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