
विद्या अब बेचैन हो उठी थी। अब और इंतज़ार नहीं हो पा रहा था। शाम के 6 बज रहे थे। मन ही मन वो बुदबुदाने लगी “ पूरा का पूरासिस्टम सड़ चुका है, पता नहीं कब सुधरेगा ये, सुबह से शाम होने को है लेकिन……..” वो बड़बड़ाए जा रही थी तभी अचानक कॉलबेलबजी। लगभग दौड़ते
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