राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) क्या NRC का रिहर्सल है?
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- December 23, 2019
पुरुष और अर्थ से मिल कर बना पुरुषार्थ शब्द अत्यंत गूढ़ और गहन ज्ञान वाला है। अयिए मेरे साथ चिंतन के धरातल पर चलें । वैसे तो सांख्य नाम का एक भारतीय दर्शन है जिसमें पुरुष शब्द का प्रयोग ब्रह्म के रूप में मिलता है। वहां पुरुष का अर्थ प्रथक है ,उस पर चर्चा फिर
READ MOREजीवन का अंतिम संस्कार है मृत्यु । जतास्य हि ध्रुवो मृत्यु: जन्म मृत्यु ध्रुवस्च। जन्म लेने वाले की मृत्यु सुनिश्चित है चाहे राजा हो या रंक। मृतक के शरीर की अंतिम क्रिया विभिन्न संप्रदायों, मजहबों में अलग अलग ढंग से की जाती है जिनका मुख्य संबंध सामाजिक रीति रिवाजों से अधिक है। कोई जलाए
READ MOREआए दिन प्रश्न आते हैं और आप स्वयं इन प्रश्नों से रोज रोज जूझते हैं कि मन भटकता क्यों है? वैसे तो मन के भटकाव का व्यापक विस्तार है लेकिन यहां मैं हिन्दू के मन के भटकाव की बात तक सीमित रहूंगा। बाकी आगे चर्चा करूंगा। यह चर्चा भी धर्म, दर्शन और अध्यात्म के क्षेत्र
READ MOREअब आप चिंतन करें। जब मैं और वह एक हैं, यानी आपमें इसमें उसमें वही विद्यमान है तो उसे बाहर क्यों खोजते हैं? मूर्तियों, देवी देवताओं, चित्रों में खोजने से अच्छा है भटकाव बंद कर अप्प दीपो भव कहें या तत् त्वम् असि कहें या सोअहम् कहें या कहें अहम् ब्रह्मास्मि। बात समानार्थी है। बुद्ध
READ MOREआदि मानव जंगल में पशु, पक्षियों के मध्य रहता था। उसके मस्तिष्क से विकास बीज प्रस्फुटित होकर वृक्ष बनना आरंभ हुआ। उसने गांव, नगर बसाए। अनेक सभ्यताएं और संस्कृतियां विकसित कीं । इसके लिए मस्तिष्क को लगातार शिक्षित किया उसने। ज्ञान, कर्म और भक्ति से एक सुरम्य संसार बनाया और हिंसा से बिगाड़ा भी। उसके
READ MOREधर्म में वैज्ञानिक दृष्टि का क्या आशय है इस लेख में इसे समझेंगे। सबसे पहले हमें विज्ञान को समझना होगा । विज्ञान भी मनुष्य के मस्तिष्क का एक अंश है । किसी में अधिक विकसित है तो किसी में कम । धर्म दर्शन अध्यात्म भी मनुष्य के मस्तिष्क में विद्यमान हैं । यहां विज्ञान का
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