धर्म के नाम पर हिंसा गलत, मजहबी उन्माद मुक्त होना चाहिए देश- इंद्रेश कुमार

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धनतेरस और 718 वें उर्स के मौके पर नई दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने वरिष्ठ आरएसएस नेता और मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में 718 चिराग रोशन किया। ये दीप देश की गंगा जमुनी तहजीब और एकता अखंडता के मकसद से जलाए गए थे। इस मौके पर इंद्रेश कुमार ने दरगाह पर चादर चढ़ाई और देश मे अमन, शांति और तरक्की की दुआ मांगी। इंद्रेश कुमार ने इस मौके पर देश के उल्लेमाओं, बुद्धिजीवियों वी देशवासियों से भारत की बेहतरी के लिए मोहब्बत, भाईचारा, तहजीब और तरक्की का संदेश दिया।

इंद्रेश कुमार ने कहा हिंदुस्तान बहुत प्यारा मुल्क है। ये एक ऐसा देश है जहां सभी फिरके, मजहब एक जज्बे के साथ जुड़े होते हैं। इस मौके पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि मजहबी कट्टरता गैर इस्लामी है। बांग्लादेश, पाकिस्तान हो या त्रिपुरा में जो भी हमले हुए उन सभी घटना हाल पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि जब दुनिया के किसी भी देश में हमले होते हैं उसकी आलोचना होनी चाहिए। हिंसा चाहे कहीं भी हो, कोई भी करे.. यह अपराध था, अपराध है और अपराध ही रहेगा। मजहब के नाम पर हिंसा चाहे दुनिया में कहीं भी हो इसकी आलोचना होनी चाहिए। उन्मादियों के खिलाफ लगाम लगानी चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए। हिंसा देश के किसी भी हिस्से में हो किसी भी धर्म से जुड़े लोग हों उनको दरकिनार किया जाना चाहिए। इंद्रेश कुमार ने इस मौके पर सुफिस्म को बढ़ावा देने और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच से जोड़ने की बात भी की।

साथ ही इंद्रेश कुमार ने कहा देश के अंदर समृद्धि, तालीम, रोजगार और स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। देश को प्रदूषण मुक्त, करना गरीबी मुक्त करना, भुखमरी मुक्त करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। यही संदेश हजरत निजामुद्दीन औलिया के दरगाह से जाए इसलिए उर्स और दीपावली के मौके पर दीप प्रज्वलन किया गया। इंद्रेश कुमार ने बताया कि निजामुद्दीन के अलावा देश भर के 200 से ज्यादा दरगाहों पर दीपावली के चिराग रोशन किए जा रहे हैं।

इस मौके पर बड़ी तादाद में मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय संयोजक व राष्ट्रीय प्रभारी मोहम्मद अफजाल, शाहिद अख्तर, गिरीश जुयाल, शाहिद सईद, बिलाल रहमान, खुर्शीद रजाका, मोहम्मद अफजल, फैज खान, इमरान चौधरी, मोहम्मद सबरीन और अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे। महिला प्रकोष्ठ की भी राष्ट्रीय संयोजिका शालिनी अली, शहनाज अफजाल एवं अनगिनत महिला कार्यकर्ताओं ने शिरकत की और देश की अमन, चैन व कामयाबी की दुआएं मांगीं। इस मामले में यह ऐतिहासिक मौका था जब दीपावली के दीप हजरत निजामुद्दीन दरगाह पर पहली बार रोशन किए गए। इस मौके पर शाहिद अख्तर ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने आज यही संदेश देने की कोशिश की है कि धर्म और मजहब के नाम पर हिंसा नाकिबल बर्दाश्त है और इसकी चौतरफा निंदा होनी चाहिए। साथ ही देश के विकास में हर किसी के साथ आने का भी उन्होंने आह्वान किया गया। शाहिद सईद ने कहा कि भाईचारे से बेहतर कुछ भी नहीं। सभ्य समाज में किसी भी प्रकार की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं हैं। हिंसा मानवता को कलंकित करती है। बिलाल रहमान ने कहा कि न कुरान में और न ही गीता में लिखा है वतन को बांटने का.. इस मौके पर एकता और मोहब्बत के दिये जलाकर संसार को रोशन करना ही धर्म व ईमान है। मोहम्मद साबरीन ने कहा की मजहब नहीं सिखाता है आपस में बैर रखना। हम हिंदुस्तानी सबसे अच्छे थे और सबसे अच्छे ही रहेंगे। किसी और देश में इतनी विवधता और एकता नहीं मिलेगी। शालिनी अली ने कहा कि धनतेरस के पावन पर्व पर दीपावली के चमकते दियों से साबित होता है कि धर्म कभी खतरे में न था और न होगा, ये वही बुलंद भारत है जहां गंगा जमुनी तहज़ीब मशहूर है।

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