November 21, 2024

पौराणिक नाग वासुकी Vasuki का15 मीटर लम्बा जीवाश्म गुजरात के कच्छ में मिला

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Vasuki Indicus (V. Indicus) जीवाश्म की लंबाई 10.9 और 15.2 मीटर है । यह लगभग 47 मिलियन वर्ष पहले मध्य इओसीन (Eocene) काल का है। 

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की (Indian Institute of Technology Roorkee) के नए शोध के अनुसार, गुजरात के कच्छ से बरामद जीवाश्म अब तक जीवित सबसे बड़े सांपों में से एक की रीढ़ (Spine) से संबंधित हो सकते हैं।

Panandhro Lignite Mine पनांद्रो लिग्नाइट खदान से, शोधकर्ताओं ने सांप की रीढ़ की हड्डी या कशेरुका (bones forming the snake’s spinal column, or vertebra) बनाने वाली 27 “ज्यादातर अच्छी तरह से संरक्षित” हड्डियों की खोज की है। इनमें से कुछ हड्डियों के जोड़ अभी भी बरकरार हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कशेरुका (vertebrae) पूर्ण विकसित जानवर की है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि इस सांप (Vasuki Indicus) के लगभग 11 से 15 मीटर लंबा होने का अनुमान है, जो आकार में विलुप्त टाइटेनोबोआ (Titanoboa) के बराबर है। टाइटेनोबोआ को अब तक का सबसे लंबा सांप माना जाता है। उन्होंने कहा कि इसके आकार के कारण, यह एनाकोंडा के समान “धीमी गति से हमला करने वाला शिकारी” रहा होगा। ये रिसर्च साइंटिफिक रिपोर्ट्स (Scientific Reports) जर्नल में प्रकाशित हुई है।

 

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शोधकर्ताओं ने इस नई खोजी गई सांप की प्रजाति का नाम हिंदू देवता शिव के गले के पौराणिक सांप के नाम पर और इसकी खोज के देश, भारत के संदर्भ में ‘वासुकी इंडिकस’ (वी. इंडिकस ‘Vasuki Indicus’) रखा है। उन्होंने बताया कि वी. इंडिकस अब विलुप्त हो चुके मैडत्सोइडे (Madtsoiidae) परिवार का हिस्सा है, जो अफ्रीका, यूरोप और भारत सहित विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र में रहते थे।

लेखकों ने कहा कि सांप भारत में उत्पन्न एक “विशिष्ट वंश” का प्रतिनिधित्व करता है जो लगभग 56 से 34 मिलियन वर्ष पहले इओसीन के दौरान दक्षिणी यूरोप से अफ्रीका तक फैल गया था। कहा जाता है कि आधुनिक स्तनपायी प्रजातियों के पहले पूर्वज और करीबी रिश्तेदार इओसीन काल (Eocene) में प्रकट हुए थे।

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लेखकों ने जीवाश्मों को लगभग 47 मिलियन वर्ष पहले मध्य इओसीन (Eocene) काल का बताया है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि कशेरुकाओं (Vertebrae) की लंबाई 38 से 62 मिलीमीटर और चौड़ाई 62 से 111 मिलीमीटर के बीच होती है, जिससे पता चलता है कि वासुकी इंडिकस (Vasuki Indicus) का शरीर संभवतः चौड़ा, बेलनाकार था।

उन्होंने वासुकी इंडिकस (Vasuki Indicus) की लंबाई 10.9 और 15.2 मीटर के बीच मापी।

अनुमानों में अनिश्चितताओं के बावजूद, शोधकर्ताओं ने कहा कि सांप (Vasuki Indicus) का आकार टाइटेनोबोआ (Titanoboa) के बराबर था, जिसके जीवाश्म पहली बार 2000 के दशक में वर्तमान कोलंबिया में खोजे गए थे।


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