Who Was Mukhtar Ansari मुख्तार अंसारी कौन था? माफिया डॉन, गैंगस्टर, बाहुबली नेता या रॉबिनहुड।
Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी का परिचय
माफिया डॉन, गैंगस्टर, बाहुबली नेता, रॉबिनहुड। मुख्तार अंसारी का कुछ इसी प्रकार परिचय दिया जाता है। मुख्तार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं है। 28 मार्च को उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ा और रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में निधन हो गया।
Mukhtar Ansari मुख्तार अंसारी का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून, 1963 को हुआ। पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी राजनीति में थे। कम्युनिष्ट विचारधारा की राजनीति करते थे। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद नगर पंचायत के चेयरमैन थे। महान स्वतंत्रता सेनानी, विश्व प्रसिद्ध डॉक्टर, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी दिल्ली के संस्थापक और 1927 में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे डॉ मुख्तार अहमद अंसारी रिश्ते में मुख्तार अंसारी के दादा लगते थे।
मुख्तार की मां का नाम बेगम राबिया था। राबिया ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान की बेटी थीं। ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान 1947 में हुए भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे। उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान से बचाया था। सेना उन्हे नौशेरा के शेर के नाम से पुकारती है। इस शहादत के लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। मुख्तार अंसारी के नाना थे ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान ।
देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार अंसारी के खानदान के ही हैं। रिश्ते में वो चाचा लगते हैं।
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Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की राजनीति
एक समय में अंसारी परिवार की गाजीपुर में बड़ी इज्जत थी। रसूख था। स्वतंत्रता सेनानियों और सभ्य और पढ़े लिखे राजनेताओं का परिवार था। परिवार के कई सदस्य महात्मा गांधी के सहयोगी रहे। स्वतंत्रता सेनानी रहे।
मुख्तार अंसारी मऊ से 5 बार विधायक रहा। दो बार बहुजन समाज पार्टी से, दो बार निर्दलीय और एक बार कौमी एकता दल से विधायक बना।
मुख्तार अंसारी के दो भाई भी राजनीति में है। बड़े भाई सिबगतुल्ला अंसारी पूर्व विधायक हैं और छोटे भाई अफजल अंसारी बीएसपी से गाजीपुर से सांसद हैं। अभी वो सुभासपा में हैं। मुख्तार का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी समाजवादी पार्टी से मऊ से विधायक है। फिलहाल मनी लॉण्डरिंग के एक केस में वो जेल में बंद है। छोटा बेटा सुहैब अंसारी समाजवादी पार्टी से मोहम्मदाबाद से विधायक है।
Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी के अपराध
मुख्तार अंसारी जिसकी पूर्वांचल में तूती बोलती थी। जिसे माफिया डॉन, बाहुबली, दबंग, या फिर रॉबिनहुड कहा जाता था, की 29 मार्च को मौत हो गई।
5 बार के बाहुबली विधायक मुख्तार को राजनीतिक बिरासत में मिली लेकिन अपराधी वो खुद बना। खानदान में कभी कोई अपराधी नहीं रहा था। पढ़े-लिखे संभ्रांत परिवार में जन्मे मुख्तार ने परिवार की साफ-सुथरी बिरासत को दागदार कर दिया।
मुख्तार अंसारी पर 61 मुकदमें दर्ज थे। इनमें से 15 केस हत्या के थे। कई मामलों में उसे सजा मिल चुकी थी और कई मामले अभी अदालत में चल रहे थे। उसके भाइयों और बेटों पर भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक बेटा जेल में ही बंद है। पत्नी फरार चल रही है।
मुख्तार की कहानी जानने के लिए 1980 के दौर में झांकना होगा। जब पूर्वांचल में सरकारी ठेकों के लिए अपराधियों में होड़ मची हुई थी। बताते हैं कि उस वक्त मुख्तार अंसारी मखानू सिंह गैंग के लिए काम करता था। इस गैंग की अदावत साहिब सिंह गैंग से थी। साहिब सिंह गैंग के लिए गैंगस्टर ब्रजेश सिंह काम करता था। 1990 के दशक में मुख्तार अंसारी ने अपना गैंग बना लिया।
Mukhtar Ansari मुख्तार अंसारी ने कोयला खनन और रेलवे के ठेकों में हाथ डाला और करोड़ों का कारोबार खड़ा कर लिया। इसके बाद वो अपहरण, गुंडा टैक्स, जबरन वसूली के धंधे में भी आ गया। मुख्तार अंसारी का सिंडिकेट गाजीपुर, मऊ, जौनपुर और बनारस में एक्टिव था।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में उस समय दो बड़े गैंग थे ब्रजेश सिंह गैंग और अंसारी गैंग। और दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन भी थे।
Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी कैसे बना अपराधी
सच्चिदानंद राय की हत्या
Mukhtar Ansari मुख्तार अंसारी के पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी गाजीपुर के मोहम्मदाबाद नगर पंचायत के चेयरमैन थे। उनका इलाके में अच्छा प्रभाव और रसूख था। बताते हैं कि मोहम्मदाबाद में पिता के साथ बदसलूकी की एक घटना ने मुख्तार के जीवन को बदल कर रख दिया। दरअसल हुआ ये कि इलाके के एक ठेकेदार सच्चिदानंद राय से किसी बात को लेकर बहस हो गई और फिर सच्चिदानंद राय ने भरे बाजार मुख्तार के पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी का अपमान कर दिया । ये बात मुख्तार को नागवार गुजरी और उसने बदला लेने की ठान ली।
मुख्तार असांरी ने दो कुख्यात अपराधियों से सच्चिदानंद राय की हत्या करवा दी। इन अपराधियों में एक साधू सिंह और दूसरा मकनू सिंह था। इनकी मदद लेकर मुख्तार अंसारी ने सच्चिदानंद राय पर हमला बोला दिया। राय की हत्या उन्हीं के गांव में घुसकर करवा दी। इसके बाद मुख्तार बेलगाम हो गया। दर्जनों अपराध किए। सच्चिदानंद राय की हत्या के बाद से मुख्तार अंसारी का पूर्वांचल में दबदबा बनने लगा।
BJP MLA Krishnanand Rai Murder Case: बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या
गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट अंसारियों का गढ़ था। आज भी है। इस सीट पर बीजेपी के बाहुबली नेता कृष्णानंद राय ने 2002 के विधानसभा चुनाव में यहां से ताल ठोक दी। विधानसभा चुनाव भी जीत गए। अंसारी परिवार से उनकी पारंपरिक सीट छिन गई। अंसारी परिवार इस सीट पर 1985 से जीत रहा था। कृष्णानंद राय दबंग थे और अंसारियों का खुलकर मुकाबला करते थे।
Mukhtar Ansari मुख्तार अंसारी चुनाव में हार बर्दाश्त नहीं कर सका और उसने बदला लेनी की ठान ली। अंसारी के गैंग ने 2005 में कृष्णानंद राय को चारों तरफ से घेरकर फिल्मी अंदाज में हमला बोल दिया। करीब 500 राउण्ड गोलियां चलीं। इस हमले में LMG (LIGHT MACHINE GUN) का इस्तेमाल किया गया। विधायक कृष्णानंद राय समेत 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हत्याकांड ने Mukhtar Ansari मुख्तार अंसारी का पूर्वांचल में दबदबा जरूर बढ़ाया लेकिन उसकी जिंदगी की उलटी गिनती भी शुरु हो गई।
हमले के वक्त Mukhtar Ansari मुफ्तार अंसारी दंगा भड़काने के आरोप में पहले से ही जेल में था। हालांकि इस हत्याकांड के बाद से मुख्तार हमेशा जेल में ही रहा। हालांकि वो जेल से ही अपना गैंग चलाता रहा और विधानसभा चुनाव जीतता और जितवाता रहा।
Mukhtar Ansari मुख्तार अंसारी का इलाके में खौफ था जिसकी वजह से कोई भी उसके खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं होता था। 2017 में जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी तो अंसारी पर शिकंजा कसना शुरू कर किया गया। अदालतें सक्रिय हुईं और कई मुकदमों में उसे आजीवन सजा भी हुई। मुख्तार के कुछ गुर्गों का एनकाउंटर हुआ और कई गिरफ्तार किए गए।
कई मामलों में मुख्तार अंसारी को सजा मिल चुकी थी। विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के केस में अप्रैल 2023 में मुख्तार अंसारी 10 साल कैद की सजा हुई। फर्जी हथियार लाइसेंस केस में उसे 13 मार्च, 2024 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी पर दर्ज कुछ बड़े मामले
- बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड
- कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के भाई की हत्या का मामला
- मऊ में ठेकेदार मुन्ना सिंह हत्याकांड
- ठेकेदार मुन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह रामचंद्र मौर्य की हत्या का केस
- रामचंद्र मौर्य के बॉडीगार्ड सिपाही सतीश की हत्या का केस
- फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामला
- 1996 में एएसपी शंकर जायसवाल पर जानलेवा हमले का केस
- पूर्वी उत्तर प्रदेश के बहुत बड़े कोयला कारोबारी रूंगटा के अपहरण और फिरौती वसूलने का मामला