November 22, 2024

Shivaji Jayanti: छत्रपति शिवाजी महाराज: एक महान हिंदू राजा

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Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti
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19 Feb2024: Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti Special

छत्रपति शिवाजी महाराज: एक महान हिंदू राजा

छत्रपति शिवाजी महाराज को भारत के एक महान राजा, युद्ध कौशल में पारंगत और कुशल रणनीतिकार के तौर पर जाना जाता है। उनकी एक पहचान हिंदू धर्म के उद्धारक के रूप में भी है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने भारत में स्वदेशी स्वराष्ट्र का बिगुल फूंका और महान मराठा साम्राज्य की नींव रखी।

छत्रपति शिवाजी का पूरा नाम छत्रपति शिवाजीराजे भोसले है। शिवाजी का जन्म कुर्मी कुल के शाहजीराजे भोसले और जीजाबाई के घर 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। छत्रपति शिवाजी ने 1674 से 1680 तक एक स्वतंत्र राजा की तरह राज किया। उनका राज्याभिषेक 6 जून 1674 को रायगढ़ में हुआ था। उनकी मृत्यु 5 अप्रैल 1680 रायगढ़ में हुई। उससे पहले कई दशक तक शिवाजी ने मुगल सल्तनत और बीजापुर सल्तनत के लगभग 40 दुर्गों (किले) पर कब्जा करके अपना शासन चलाते रहे।

Chhatrapati Shivaji Maharaj

Chhatrapati Shivaji Maharaj छत्रपति शिवाजी महाराज: एक महान योद्धा और कुशल प्रशासक

छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1674 में महाराष्ट्र में हिंदवी साम्राज्य की नींव रखी थी। उस वक्त भारत के एक बड़े हिस्से पर मुगल शासक औरंगजेब का शासन था। छत्रपति शिवाजी महाराज का औरंगजेब के साथ आजीवन संघर्ष चलता रहा।

छत्रपति शिवाजी महाराज ने गुरिल्ला युद्ध अभियानों से औरंगजेब को खूब छकाया। उनके पास अनुशासित और संगठित सेना थी। गुरिल्ला युद्ध पद्धति (Guerilla Warfare) भारत की एक प्राचीन युद्ध शैली है जिसे मध्यकाल में छत्रपति शिवाजी महाराज ने फिर से शुरू किया और इसकी एक नई शैली शिवसूत्र विकसित की। उन्हें इस युद्ध शैली में महारत हासिल थी। शिवाजी महाराज की प्रशासनिक क्षमताओं की भी इतिहासकारों ने बड़ी सराहना की है। उनके शासन में एक सुसंगठित प्रशासनिक व्यवस्था थी।

छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठी एवं संस्कृत भाषा को अपने राज्य की राजकीय की भाषा बनाया।

20वीं शताब्दी में जब भारत में स्वतंत्रता संग्राम चल रहा था तब शिवाजी महाराज स्वतंत्रता सेनानियों के लिए नायक के रूप में उभरे और उनके नाम का पर देश के लोगों में राष्ट्रीयता की भावना जगाने का काम किया गया।

Chhatrapati Shivaji Maharaj छत्रपति शिवाजी महाराज: परिवार

शिवाजी के दादा जी का नाम मालोजीराजे भोसले था। वह अहमदनगर रियासत के जनरल थे। वह पुणे, इंद्रापुर और चाकण के देशमुख थे। शिवाजी के पिता शाहजी राजे भी बीजापुर के राजा के दरबार में मंत्री थे। शिवाजी की मां का नाम जीजा बाई था। माता जीजा बाई असाधारण प्रतिभाशाली महिला थीं।

शिवाजी के बड़े भाई का नाम सम्भाजीराजे था। शिवाजी महाराज पर अपने माता-पिता का बड़ा प्रभाव था। खासतौर पर माता जीजाबाई का उनके जीवनदर्शन पर बड़ा प्रभाव रहा।

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Chhatrapati Shivaji Maharaj छत्रपति शिवाजी महाराज

Chhatrapati Shivaji Maharaj छत्रपति शिवाजी महाराज: वैवाहिक राजनीति

छत्रपति शिवाजी महाराज ने वैवाहिक राजनीति का देश के एकीकरण के लिए इस्तेमाल किया। शिवाजी ने कुल 8 विवाह किए। इन वैवाहिक संबंधों से उन्होंने सभी मराठा राजाओं को एकजुट करने में कामयाब रहे।

शिवाजी का पहला विवाह 14 मई 1640 में सईबाई निंबालकर (सई भोसले) के साथ पुणे के लाल महल में हुआ था। सई भोसले शिवाजी महाराज की पहली पत्नी थी। सईबाई को शिवाजी ने मुख्य रानी का दर्जा दिया। सईबाई से सम्भाजी का जन्म हुआ जो शिवाजी के बाद राज्य के उत्तराधिकारी बने।

Chhatrapati Shivaji Maharaj छत्रपति शिवाजी महाराज: पत्नियां और संतानें

1. सईबाई निंबालकर – (संताने – सम्भाजी, रानूबाई, सखूबाई, अंबिकाबाई)
2. सोयराबाई मोहिते– (संताने – राजाराम, दीपाबाई )
3. सगुणाबाई शिर्के – (संतान – राजकुवरबाई)
4. सकवरबाई गायकवाड – (संतान – कमलाबाई)
5. काशीबाई जाधव
6. गुंवांताबाई इंगले
7. लक्ष्मीबाई विचारे
8. पुतलाबाई पालकर

 

Chhatrapati Shivaji Maharaj छत्रपति शिवाजी महाराज

Chhatrapati Shivaji Maharaj छत्रपति शिवाजी महाराज: प्रमुख तिथियां और घटनाएं

29 फरवरी 1630 : छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म
14 मई 1640 : छत्रपति शिवाजी महाराज और साईबाई का विवाह
1646 : छत्रपति शिवाजी महाराज ने पुणे के पास तोरण दुर्ग पर अधिकार कर लिया।
1656 : शिवाजी महाराज ने चन्द्रराव मोरे से जावली जीता।
10 नवंबर, 1659 : शिवाजी महाराज ने अफजल खान का वध किया।
5 सितंबर, 1659 : संभाजी का जन्म।
1659 : शिवाजी महाराज ने बीजापुर पर अधिकार कर लिया।
6 से 10 जनवरी, 1664 : शिवाजी महाराज ने सूरत के बड़े कारोबारियों को लूटा।
1665 : शिवाजी महाराज ने औरंगजेब के साथ पुरन्धर की शांति सन्धि पर की
1666 : शिवाजी महाराज आगरा कारावास से भाग निकले।
1667 : औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को स्वतंत्र राजा की मान्यता दी।
1668 : शिवाजी महाराज और औरंगजेब के बीच शांति सन्धि
1670 : छत्रपति शिवाजी महाराज ने दूसरी बार सूरत पर धावा बोला।
1674 : शिवाजी महाराज ने रायगढ़ में ‘छत्रपति’ की पदवी मिली और राज्याभिषेक करवाया।
18 जून 1674 को माता जीजाबाई की मृत्यु।
5 अप्रैल 1680 : छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु।

 

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