December 21, 2024

वसुधैव कुटुम्बकम दर्शाता है ‘अमृत उद्यान’ ; पीएम के फैसले सराहनीय व अभिनंदनीय – मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

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नई दिल्ली, 28 जनवरी। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने राष्ट्रपति भवन के मुग़ल गार्डन का नाम बदल कर अमृत उद्यान किए जाने का भरपूर स्वागत किया है। राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि मंच का मानना है, “अमृत” वो शक्ति है जो अजर अमर है, सुधा रस है, जिसे देवताओं के साथ जोड़ कर देखा जाता है। अर्थात, “अमृत” प्राणिमात्र का जीवन है। इसलिए, “उद्यान” को इतना बड़ा महत्व और इतनी बड़ी विशालता दी गई है।

मंच का मानना है, “अमृत उद्यान” भारत वर्ष का वह सनातन विचार है, जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को दर्शाता है। यह भारत के प्राचीन ऋषिमुनियों की याद दिलाता है। 5000 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को प्रेरित कर इसी स्थान पर “खांडवप्रस्थ” की समाप्ति कर “इंद्रप्रस्त” की सुंदर स्थापना की थी।

मंच का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर कार्य के पीछे राष्ट्र निर्माण की दृढ़ इच्छा शक्ति समाहित होती है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री ने “राजपथ” का नाम बदल कर “कर्तव्य पथ” कर देश की दिशा और दशा को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। कर्तव्य पथ “करणीय कर्म” को लेकर समग्रता में निष्ठावान बनाता है।

इसी प्रकार, राजधानी दिल्ली में जहां जॉर्ज पंचम की मूर्ति लगी थी उसके स्थान पर “देश के गौरव” नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति लगाने का ऐतिहासिक कार्य किया गया। हालाकि चंद सांप्रदायिक लोगों, जिन्हें मानवता और राष्ट्रीयता पसंद नहीं हैं उन्होंने रुदालियों की भांति कोहराम मचाया परंतु सम्पूर्ण देश ने निर्णय का जोरदार स्वागत किया।

मंच का मानना है कि जब सारा देश आज़ादी का अमृत महोत्सव में डूबा है, इस बीच 23 जनवरी यानि पराक्रम दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने अंडमान-निकोबार द्वीप के 21 द्वीपों के नाम “परमवीर चक्र” विजेताओं के नाम पर रखे जाने की घोषणा की जिसका भी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच तहे दिल से स्वागत करता है।

मंच ने प्रधानमंत्री द्वारा नाम बदले जाने के कदम को अत्यंत महत्वपूर्ण, संवेदनशील और सराहनीय बताते हुए कहा कि जिन द्वीपों के नाम बदले गए उनमें ब्रिटिश अत्याचारी हुक्मरानों के नाम शामिल थे। मंच का मानना है कि यह अत्यंत दुखद था कि अब तक जो नाम चले आरहे थे उनमें ब्रिटिश सेनापति जनरल “हेवलॉक”, “नील” और “रोज” के नाम भी शामिल थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को कुचला और अनगिनत यातनाएं दी। मंच का मानना है कि ऐसे लोगों के नाम कतई नहीं होने चाहिए थे। और इसके लिए नरेंद्र मोदी की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की तरफ से मोहम्मद अफजाल, विराग पाचपोर, शाहिद अख्तर, रजा हुसैन रिजवी, माजिद तालिकोटी, मोहम्मद इस्लामुद्दीन, एस के मुद्दीन, बिलाल उर रहमान, अबु बकर नकवी, ताहिर हुसैन, मजाहिर खान, खुर्शीद रजाका, आसिफ अली नारंगी, मोहम्मद महताब आलम, शालिनी अली, शहनाज अफजल, रेशमा हुसैन, फैज खान, इरफान अली पीरजादे, एम ए सत्तार, ए खान, अल्तमश बिहारी, मोहम्मद नौफल समेत सभी राष्ट्रीय संयोजक, सह संयोजक, प्रभारी, पदाधिकारी और कार्यकर्ता इन सभी कदमों का दिल से स्वागत करते हैं। मंच की ओर से कहा गया कि हम जहर नहीं चाहते, हम तो अमृत चाहते हैं; हम जहन्नुम नहीं जन्नत चाहते हैं। इसलिए सरकार को और विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी को हार्दिक बधाई देते हैं और उनका अभिनन्दन करते हैं।


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