मोदी, संघ व बीजेपी के खिलाफ कांग्रेसी एवं वामपंथी प्रोपेगंडा न चला था, न चलेगा: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ऐसे किसी भी व्यक्ति, समुदाय, मीडिया और पार्टी की कड़ी निन्दा करता है जो निजी लाभ के लिए दूसरों के खिलाफ कीचड़ उछालने एवं राष्ट्रवादी संगठनों व देशभक्तों को बदनाम करने की साजिश रचते हैं। इसी कड़ी में जिस प्रकार एक झूठी एवं मनगढ़ंत खबर को मीडिया हाउस एवं वर्ग विशेष सोशल मीडिया पर घिनौनी साजिश के तहत वायरल कर रहा है मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इसकी घोर निन्दा करता है तथा प्रोपेगंडा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता है। मंच आग्रह करता है कि देश की अवाम प्रोपेगंडा वादियों को मुंहतोड़ जवाब दे। साथ ही मंच एक बार फिर से उदयपुर के कातिलों को जल्द से जल्द सरे आम फांसी दिए जाने की मांग करता है ताकि देश विरोधी ताकतें और अमन के दुश्मनों को कठोरतम सबक मिले।
मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, शाहिद अख्तर और बिलाल उर रहमान ने कहा कि उदयपुर के कातिलों से बीजेपी और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का संबंध जोड़ने की साजिश रची जा रही है। ऐसी ताकतों को राष्ट्रवादी ताकतें मुंहतोड़ जवाब देना अच्छी तरह जानती हैं। कांग्रेस और विपक्षी दलों की क्या दुर्दशा हुई वो दुनिया जानती है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का यह स्पष्ट मत है की मोहम्मद रियाज़ और उसका साथी, जिसने मिलकर न सिर्फ कन्हैया लाल की हत्या की बल्कि इस्लाम, इंसानियत और मुसलमानों को बदनाम व शर्मसार किया उसे तत्काल प्रभाव से फांसी दी जानी चाहिए। मंच के संयोजकों ने कहा कि कुछ लोग जो झूठ बोलते हैं और जिनमें इन दोनों मुजरिमों को फांसी दिए जाने का कहने का साहस नहीं है वो आरएसएस की निंदा करते हुए मुजरिमों का बचाव करने का घिनौना पाप कर रहे हैं। जो यह आरोप लगा रहे हैं वे विदेशी षड्यंत्रकारी माने जाने चाहिए जो इस हत्याकांड में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त हैं।
मंच की महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजक रेशमा हुसैन, शहनाज अफजाल और शालिनी अली बताया कि इस संबंध मे मुस्लिम राष्ट्रीय मंच राजस्थान की तरफ से यह बहुत साफ तौर से निवेदन किया जा चुका है की कन्हैया लाल का कातिल मोहम्मद रियाज़ न कभी मंच का सदस्य था, और न है; न ही वो मंच के किसी कार्यक्रम में कभी सहभागी रहा है। उन्होंने कहा कि मंच एक राष्ट्रवादी ताकत है जो हर समय देश को जोड़ने में विश्वास रखता है। तुष्टिकरण की राजनीति से दूर मंच का मिशन सबके साथ, सबके विकास, सबके विश्वास में है।
मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद का कहना है कि जहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, संघ या संघ से जुड़े संगठनों को बदनाम करने का मामला है तो इतिहास गवाह है कि ऐसी शक्तियों ने पहले भी अनेकों बार मुंह की खाई हैं। एक समय मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से परेशान हो कर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा मौत का सौदागर बताया गया तो तिस्ता सीतलवाड़ और जेल में बंद आईपीएस संजीव भट्ट जैसे लोगों ने मोदी के खिलाफ नापाक इरादे रखने में कोई कोर कसर नहीं रखी। लेकिन जीत सच की होती है। जनता ने नरेंद्र मोदी को सर आंखों पर बिठाया और देश के सर्वोच्च न्यायलय ने भी माना के नरेंद्र मोदी निर्दोष हैं। मीडिया प्रभारी ने कहा कि फिर एक समय वो भी था जब कांग्रेस सरकार सत्ता के नशे में इस तरह मगरूर हो गई थी जब तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने पागल शासक मोहम्मद बिन तुगलक की तरह ही काम करते हुए भगवा आतंकवाद का नाम गढ़ा था। परंतु कांग्रेसी जांच एजेंसियों की साजिशें अदालत में धराशाई हो गईं। अब आज यही कांग्रेसी, वामपंथी एवं तथाकथित सेकुलर ताकतें देश भर में अपना बोरिया बिस्तर सिमटता देख कर पूरी तरह बौखला चुकी हैं।
मंच की तरफ से एसके मुद्दीन, मजाहिर खान और रज़ा हुसैन रिजवी ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने शुरू से ही आतंकवाद का विरोध किया हैं और देश भर मे तिरंगा यात्राएं आयोजित कर आतंकी गतिविधियों का और आतंकवादियों का पुरजोर विरोध किया है। इसलिए उदयपुर की आतंकी घटना की मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने केवल निंदा ही नही की हैं वरन कन्हैया लाल के कातिलों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए ऐसी मांग भी की है।
मंच की ओर से इस्लाम अब्बास, मोहम्मद ताहिर और इरफान अली पीरजादा ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने ही सबसे पहले और अब तक दोषियों को तत्काल फांसी दिए जाने की मांग की है जबकि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष व सेकुलर कहे जाने वाले संगठनों, दलों, तंजीमों और नेताओं ने अब तक खुल कर फांसी की मांग नहीं की है। मंच का कहना है कि वह देश की जनता और खास कर मुस्लिम समुदाय से अनुरोध करते हैं की ऐसे झूठ और मक्कार प्रोपेगेंडा से सावधान रहें और देशविरोधी और आतंकी ताकतों के षड्यंत्र को विफल करें।