December 23, 2024

समान नागरिक संहिता को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच समर्थन ; एक देश, एक नागरिकता’ और एक झंडे के साथ चलना जरूरी: शाहिद सईद

0
Spread the love

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कमेटी के गठन का स्वागत किया है। मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि इस पहल का सभी को समर्थन करना चाहिए। शाहिद ने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है, भारत के लोग धर्म के नाम पर विभाजित न हों, और न ही एक दूसरे से लड़ें, ‘एक देश, एक नागरिकता’ और एक झंडे के साथ सब चलें… इसी में सबल सजग सशक्त राष्ट्र का हित है। मीडिया प्रभारी ने कहा कि देश की यह मौलिक आवश्यकता है। सभी अपने-अपने धर्मों के प्रति आस्था रखें और दूसरे धर्मो का भी सम्मान करें। हम समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं।

मीडिया प्रभारी ने एक छोटा सा उदाहरण देते हुए कहा कि अनुच्छेद 29 और 30 अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को यह अधिकार देता है कि वो अपना शिक्षण संस्थान खोल सकते हैं और अपनी संस्कृति और परम्परा को बचाये रखने के लिए बिना किसी सरकारी हस्तक्षेप के उसको चला भी सकते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसे ही अधिकार बहुसंख्यकों को भी मिलना चाहिए। आर्टिकल 29 और 30 में संशोधन करके इसे सबके लिए समान किया जासकता है।

 

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर ने भी समान नागरिक संहिता का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि समय आ गया है जब हम सब को तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर उठ कर देश के विकास के लिए एक जुट होना होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि एक गाड़ी में चार धर्म के लोग जा रहे हों जिसका दुर्भाग्य से दुर्घटना हो जाए तो क्या उनके परिवारवालों को अलग अलग धर्मों के कानून के हिसाब से न्याय मिलेगा या एक देश एक कानून के माध्यम से?

 

गौरतलब है कि गुजरात चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी बड़ा दांव खेला है। गुजरात कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से प्रेरणा लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य में अब समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा।

इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था। इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार संसद को समान नागरिक संहिता पर कोई कानून बनाने या उसे लागू करने का निर्देश नहीं दे सकता है।

उन्होंने कहा कि चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले समिति का गठन किया जाएगा। सांघवी ने कहा कि निर्णय संविधान के खंड-चार के अनुच्छेद 44 के प्रावधानों के अनुसार लिया गया था, जो राज्य सरकार से सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की अपेक्षा करता है। सांघवी ने कहा था कि ‘यह मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का ऐतिहासिक फैसला है। हमारी सरकार ने इस तरह की संहिता की आम लोगों के साथ-साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं की इच्छा का भी सम्मान किया है।’


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *