November 22, 2024

UCC: राष्टवादी मुस्लिमों ने विधि आयोग के चेयरमैन को सौंपा समर्थन का मेमोरंडम, जस्टिस अवस्थी का आश्वासन, कानून संवत होगा निर्णय

0
RSS UCC
Spread the love

नई दिल्ली, 23 जुलाई। समान नागरिक संहिता के समर्थन में बुद्धिजीवियों का एक दल “भारत फर्स्ट” विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस ऋतुराज अवस्थी से नई दिल्ली के तीस जनवरी मार्ग पर स्थित उनके आवास पर मिला। इस अवसर पर शिक्षाविद् , अधिवक्ता, पत्रकार, समाज सेवी और बुद्धिजीवियों ने जस्टिस अवस्थी के समक्ष एक देश, एक कानून, एक झंडा, एक नागरिकता को लेकर अपनी बातें रखीं। जस्टिस अवस्थी ने आश्वासन दिया कि वे सभी सुझावों के मद्देनजर कानून संवत निर्णय लेंगे।

 

RSS UCC

 

भारत फर्स्ट के अध्यक्ष अधिवक्ता शिराज कुरैशी और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के डेलिगेशन की तरफ से जस्टिस अवस्थी को फूलों का बुके देकर अभिनंदन किया और यूसीसी के समर्थन में मेमोरंडम की कॉपी सौंपी।

 

इस अवसर पर विधि आयोग के चेयरमैन न्यायधीश ऋतु राज अवस्थी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के डेलिगेशन को कहा कि बहुत सी भ्रम की स्थितियां हैं लेकिन किसी भी धर्म, समुदाय या वर्ग के आंतरिक प्रथा को यूसीसी से कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि काफी बड़ी तादाद में आयोग को सुझाव प्रस्ताव आए हैं जिनमें अक्सरियत उन लोगों की है जो एक देश एक कानून के समर्थन में हैं।

जस्टिस अवस्थी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर एक अफवाह ये भी है कि संसद के आगामी सत्र में कानून लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है, अभी इस प्रक्रिया को पूरा करने में काफी समय लगेगा। जस्टिस अवस्थी ने मुस्लिम डेलिगेशन से कानून को लेकर अनेकों सुझाव मांगे और कहा कि आप अपने सुझाव उन्हें मेल पर या हार्ड कॉपी के रूप में दें।

 

बैठक के दौरान मंच की ओर से अध्यक्ष शिराज कुरैशी ने जस्टिस अवस्थी को आश्वासन दिया कि यूसीसी के मामले में मंच धरातल पर लोगों के बीच चला रहे जन जागरण अभियान को और तेज़ी से बढ़ाएगा तथा कानून के समर्थन में एकमत बनाने का काम करेगा।

 

बैठक के बाद राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि यह कानून सभी धर्मों के लोगों को ताकत प्रदान करेगा। इसके तहत गोद लेने की परंपरा को बढ़ावा मिलेगा, महिलाओं के हक में अनगिनत सुविधाएं होंगी जिसमें प्रॉपर्टी के बटवारे में हिस्से का भी मामला होगा। सईद ने इस बात पर चुटकी ली कि जब कोई चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार होता है तब तो शरीयत के कानून के तहत हाथ कटवाने की बात नहीं करता है, उस समय इंडियन पीनल कोड के तहत ही फैसले होते हैं।

 

बैठक में यह बात भी सामने आई कि अभी सभी तरह के सुझावों के लिए डेट पूरी तरह खुली है, 28 जुलाई की तारीख की कोई बाध्यता नहीं है। रविवार को नई दिल्ली में हुई इस बैठक में राष्ट्रवादी मुस्लिम संगठन भारत फर्स्ट के अध्यक्ष शिराज कुरैशी, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के सलाहकार डॉक्टर इमरान चौधरी, मंच के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हाजी साबरीन, प्रोफेसर निपुणिका, डॉक्टर इकबाल गौरी, निशा चौधरी, फैज खान, समाज सेवी नजीब मालिक, अधिवक्ता फजल वारसी, जावेद खान, सैफ कुरैशी, सैयद रशीद अली, युवा अधिवक्ता एमादुल होदा शम्स, जरीना रशीद एवं अतिकुर रहमान समेत 21 लोग शामिल रहे।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *