संघ व मुस्लिम समाज में वार्ता नई नहीं, राष्ट्रनिर्माण के लिए जारी रहेगा सशक्त संवाद: शाहिद सईद
संघ प्रमुख मोहन भागवत की ऑल इंडिया इमाम आर्गनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी से मुलाकात के बाद देश भर में शुरु होगी ये पहल. संघ का मुस्लिम धर्मगुरुओं से मिलने का सिलसिला पूरे देश में चलेगा. केवल हिंदू हितैषी के फ्रेम में बांधे गए आरएसएस का ज़ोर पिछले कुछ वर्षों से मुस्लिम समाज के साथ डॉयलॉग प्रोसेस बढ़ाने पर है. जिसमें तीन तलाक, हिजाब, वक्फ बोर्ड, समान आचार संहिता मदरसों का मार्डनाइजेशन ये वो मुद्दे हैं जिन्हे लेकर संघ मुस्लिम समाज के बीच पूरे देश में चर्चा का माहौल तैयार करेगा. क्या इस पूरी कवायद का लक्ष्य 2024 है ?
संघ का मुस्लिम प्रेम क्या दांव चुनावी है?
मुस्लिमों के बीच काम कर रही आरएसएस की शाखा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहिद सईद कहते हैं संघ का ये नया मुस्लिम प्रेम नहीं बल्कि पिछले लगभाव 20 से 25 वर्षों से दूरियों को पाटने का काम हो रहा है. रणनीति ये है कि संघ इसे पूरे देश में निरंतर बढ़ता रहेगा जिसमें मुस्लिम धर्मगुरुओं, बुद्धिजीवियों तथा आम मुस्लिम समाज के साथ संवाद की प्रक्रिया को रफ्तार देगा. धारा 370 से लेकर 35 ए तीन तलाक, हिजाब लड़कियो के ब्याह की न्यूनतम आयुसीमा, समान आचार संहिता के साथ मदरसों का आधुनिकीकरण मुस्लिम समाज से जुड़े ये मुद्दे हैं जिन पर संघ समाज के बीच बातचीत को बढ़ाएगा तथा राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाएगा.
इस सबके पीछे संघ का उद्देश्य क्या लक्ष्य 2024 है?
संघ की शाखा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहिद सईद कहते हैं इसमें दोराय नहीं कि मुस्लिम समुदायो के बीच संघ का विचार मंथन निरंतर जारी रहेगा लेकिन इसे 2024 से जोड़ के देखे जाने की बिलकुल जरुरत नहीं है. संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है. संघ के लिए तुष्टिकरण नहीं राष्ट्र सर्वोपरि है. एक हिंद …जय हिंद. संघ का नारा है.
मुलाकात नई, मुस्लिमों में पैठ पुरानी
संघ प्रमुख की इमाम इलियासी से की गई मुलाकात को अल्पसंख्यक समुदाय के बीच संघ की पैठ बनाने के प्रयास के साथ ना देखा जाए. संघ से जुड़े शाहिद सईद कहते हैं, इस बातचीत को पहले मामले की तरह नहीं देखा जाना चाहिए. संघ को मुस्लिम समुदाय के बीच काम करते हुए बीस वर्ष से भी ज्यादा का समय हो गया है. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले यह संगठन अपने मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में 20 वर्षों से मुस्लिम समुदायों के बीच लगातार संवाद कर कर रहा है. फलस्वरूप, अब तक पूरे देश में करोड़ों मुस्लिमों से इंद्रेश कुमार और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का सीधा कनेक्ट है. शाहिद बताते हैं इस पहल में जो संवाद प्रक्रिया रही हैं उसमें डॉक्टर इंद्रेश कुमार के साथ संघ के वरिष्ठ नेता डॉक्टर कृष्ण गोपाल और राम लाल का भी मुस्लिम समुदायों को समय समय पर साथ मिला है. संघ ने हाल के समय में मुस्लिम बुध्दिजीवियों से संवाद की प्रक्रिया को और भी रफ्तार दी है.
संघ के सद्भाव की पहल कब कब
बीते वर्ष 4 जुलाई 2021 को गाजियाबाद के वसुंधरा में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इंद्रेश कुमार की पहल पर मुस्लिम समाज के एक बहुत बड़े वर्ग को संबोधित किया था. इसके अलावा उन्होंने देशभर से आए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के चुनिंदा 75 कार्यकर्ताओं के साथ दो दिवसीय बैठक भी की थी. जिस बैठक में डॉक्टर कृष्ण गोपाल और राम लाल भी मौजूद थे. बीते महीने 22 अगस्त को मुंबई में संघ प्रमुख मुस्लिम समाज और मुस्लिम बुद्धिजीवियों से रूबरू हुए. फिर इसके बाद 22 सितंबर को संघप्रमुख ने संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार, डॉक्टर कृष्ण गोपाल और राम लाल के साथ इमाम इलियासी से मुलाकात की और उनके मदरसों में बच्चों के बीच इंसानियत की पाठशाला लगाई.