तुम्हे जगाने आया है कोरोना- आचार्य श्री होरी
प्राकृतिक धर्म ही वैज्ञानिक है | कभी पशु पक्षियों को सुबह उनके पास चार बजे जा कर देखा है ? नहीं, तो जाकर देखें वे पूर्ण जागते हुए मिलेंगे | उनको कौन जगाता है ? सांझ होने पर इनको फिर देखें ये सो जायेंगे यदि आप छेड़ छाड़ न करें |किसने कहा इनको ऐसा करने को ?
प्रकृति ने ? ईश्वरवादी कहेंगे ईश्वर ने ,ब्रह्म ने | सभी मतावलंबियों के उत्तर अलग हो सकते हैं | पर सत्य तो एक ही रहेगा | यही धर्म है, यही विज्ञान है | यह विज्ञान मय धर्म है और धर्म मय विज्ञान है | इसका ही पालन करना है | विभिन्न मतों,सम्प्रदायों,मजहबों में जो लिख लिया गया है उसमे खोजो क्या क्या धर्म के अंश हैं और क्या अपने मतों को विशिष्ट और श्रेष्ठ बनाने के लिये केवल कर्मकांड |
कोरोना आया है तुम्हे जगाने भी | माना यह मानव का दुश्मन है ,पर मानवता का मार्ग प्रदाता भी | गहराई है समझो ,आप अधिक प्राकृतिक हुये हैं, वैज्ञानिक भी | पूजा पाठ जंतर मंतर मंदिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारे में जो कर्मकांड कर रहे थे उनसे निराश हुये हैं |
प्रकृति, विज्ञान ही वास्तव में मानव धर्म हैं ,यही जीव धर्म है | इनके अनुसार चलें | विजय आपकी होगी | अपने अंदर के प्रकाश को देखें | अत्त दीपोभव कहो या अहम् ब्रह्मास्मि | उद्देश्य आप में शक्ति संचार है | इधर ,उधर भटकने का मार्ग आपका नहीं है |
अहम् ब्रह्मास्मि
आचार्य श्री होरी
बौद्धिक आश्रम ,सोहरामऊ