धर्म व मजहब से ऊपर उठ कर बनाएं “लोटस” की सरकार, “लुटेरों” की नही- इंद्रेश कुमार
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के चुनावों के मद्देनजर आरएसएस कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, भारतीय क्रिश्चियन मंच, हिमालय परिवार, भारत तिब्बत सहयोग मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच ने संयुक्त रूप से विशाल जन जागरण मतदान अभियान चलाया। इस दौरान इन पांचों मंचों की 25 टीम ने पांच राज्यों के 75 स्थानों पर मतदाताओं को जागरूक किया। इस दौरान बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ, शिक्षा प्रकोष्ठ, युवा प्रकोष्ठ, मौलाना प्रकोष्ठ, मदरसा प्रकोष्ठ, मलंग प्रकोष्ठ, पर्यावरण प्रकोष्ठ, सेवा प्रकोष्ठ और महिला प्रकोष्ठ की टीमों ने बुद्धिजीवियों, मुफ्तियों, इमामों, मौलानाओं, मदरसों, युवाओं, व्यापारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, छात्रों और महिलाओं के सामने सरकार की उपलब्धियों को रखा और बीजेपी के लिए वोट डालने की अपील की। संघ नेता ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, ओवैसी, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्लाह और हमीद अंसारी की आलोचना करते हुए मोदी और बीजेपी सरकार की तारीफ की और सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने पंजाब सरकार पर सवाल उठाया कि जहां देश का प्रधानमंत्री सुरक्षित न हो, जहां झंडे का अपमान होता हो… वहां की सरकार देश के लिए कलंक के बराबर है। उन्होंने धर्मांतरण और हिजाब विवाद पर भी अपनी राय रखते हुए कहा कि इसका विरोध किया जाना चाहिए।
जनहित की सरकार
सर्वप्रथम पांचों संगठनों के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं, समाज के प्रबुद्ध वर्गों समेत बड़ी तादाद में अल्पसंख्यकों को संबोधित किया। संघ नेता ने सब धर्मों से आह्वान किया कि धर्म, मज़हब, जाति, समुदाय से ऊपर उठ कर जनहित की सरकार को वोट दें तथा मजबूर नहीं, मजबूत सरकार बनाएं। संघ नेता ने केंद्र एवं बीजेपी शासित राज्यों के काम की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने देशहित और समाजहित में अनेकों काम किए हैं जिसका सीधा फायदा सभी धर्म और समुदाय के लोगों तक पहुंचा है। इंद्रेश कुमार ने कहा ऊपर वाला एक है… चाहे उनको ईश्वर कहो या अल्लाह, या वाहे गुरु कहो या गॉड या परमात्मा। और हम सभी उसी परमात्मा के पुत्र और पुत्री हैं। इसलिए सभी धर्मों को एक दूसरे का सम्मान करते हुए एक साथ मेल मिलाप से रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों की परंपरा भले अलग होती है लेकिन हमारी रस्मो रिवाज एक है, हमारे यहां के शादियों में दुल्हन का लाल जोड़ा होता है। ऐसा इसलिए है कि हम सबका डीएनए एक है। संघ नेता ने कहा कि जब चीन ने दुनिया को कोरोना दिया तब पूरी दुनिया के मानवता की रक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ही था और है जो सामने खड़ा हुआ और सबकी मदद की। भारत ने अपने देश की बनी वैक्सीन दुनिया भर में भेज कर लोगों के जीवन की रक्षा की.. साथ ही साथ खाद्य सामग्री भेजा।
अखिलेश, केजरी, ओवैसी पर निशाना
इंद्रेश कुमार ने बिना केजरीवाल और अखिलेश यादव का नाम लेते हुए कहा कि क्या चीन या अमेरिका अपनी पार्टी खड़ी कर दे कल को और कहे कि बिजली, पानी, राशन, दावा मुफ्त तो क्या आप भारत में चीन की सरकार बना देंगे? हमें तो पता ही नहीं चलेगा कि भारत, भारतीयता के नाम पर लड़ने वाली पार्टी विदेशी ताकतों से चल रही है। ऐसी सरकार देश के लिए विनाशकारी साबित होगी। इंद्रेश कुमार ने अपील की कि देश को धर्म, जात, मजहब के नाम पर नहीं बंटने दें। उन्होंने ओवैसी का नाम लिए बिना कहा कि कोई पार्टी का नेता कहता है कि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा ले सिर्फ फिर देखिए की हम क्या करते हैं। ऐसे कोई तिरंगे का अपमान करता है। ऐसे विनाशकारी और देश के दुश्मन के सामने क्या हम नतमस्तक हो जाएं? उनका विरोध न करें?
“लोटस” लाइए, लुटेरे नहीं
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के चुनावों के मद्देनजर आरएसएस कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, भारतीय क्रिश्चियन मंच, हिमालय परिवार, भारत तिब्बत सहयोग मंच और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच ने संयुक्त रूप से विशाल जन जागरण मतदान अभियान चलाया। इस दौरान इन पांचों मंचों की 25 टीम ने पांच राज्यों के 75 स्थानों पर मतदाताओं को जागरूक किया। इस दौरान बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ, शिक्षा प्रकोष्ठ, युवा प्रकोष्ठ, मौलाना प्रकोष्ठ, मदरसा प्रकोष्ठ, मलंग प्रकोष्ठ, पर्यावरण प्रकोष्ठ, सेवा प्रकोष्ठ और महिला प्रकोष्ठ की टीमों ने बुद्धिजीवियों, मुफ्तियों, इमामों, मौलानाओं, मदरसों, युवाओं, व्यापारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, छात्रों और महिलाओं के सामने सरकार की उपलब्धियों को रखा और बीजेपी के लिए वोट डालने की अपील की। संघ नेता ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, ओवैसी, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्लाह और हमीद अंसारी की आलोचना करते हुए मोदी और बीजेपी सरकार की तारीफ की और सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने पंजाब सरकार पर सवाल उठाया कि जहां देश का प्रधानमंत्री सुरक्षित न हो, जहां झंडे का अपमान होता हो… वहां की सरकार देश के लिए कलंक के बराबर है। उन्होंने धर्मांतरण और हिजाब विवाद पर भी अपनी राय रखते हुए कहा कि इसका विरोध किया जाना चाहिए।
महबूबा, अब्दुल्लाह, हमीद छोड़ दें देश
इंद्रेश कुमार ये भी कहा कि राष्ट्र हित में एक भारत एक संविधान एक झंडा को तरजीह देते हुए हमने कश्मीर से 370 और 35A हटाई। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान बदल रहा है, तेजी से प्रगति और विकास के रास्ते पर चल रहा है। ऐसे में आप को हर्ष और गर्व से बीजेपी सरकार को स्वीकार करना चाहिए जिसके नेतृत्व में देश चौतरफा विकास कर रहा है। संघ नेता महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्लाह परिवार, हमीद अंसारी का नाम लेते हुए कहा कि इस देश में जिसका दम घुट रहा है वो विदेश जा कर बस सकता है। इसके लिए सरकार को बदनाम करने की जरूरत नहीं है। 140 करोड़ जनता देश में आजादी और इज्जत की सांस ले रही है। उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि इस्लाम के नाम पर जो देश अलग हुआ आज वहां देखें… मुसलमान मुसलमान का ही कत्लेआम कर रहा है। मस्जिद में नमाज पढ़ना भी पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं है। पता नहीं कौन कब बम मार जाए। आज पाकिस्तान टुकड़ों में बंटने की कगार पर है।
हिजाब विवाद
इंद्रेश कुमार ने कर्नाटक हिजाब कंट्रोवर्सी पर भी अपनी बात रखी। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ऐसे किसी भी बात का समर्थन नहीं करता है जहां कहीं भी कट्टरपंथ एवं धार्मिक उन्माद हो। नकाब और पर्दा प्रथा हर धर्म एवं समाज में अपनी अहमियत रखता है लेकिन इसका संबंध स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, औद्योगिक या कारोबारी क्षेत्र से नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ कट्टरपंथी लोग लड़कियों का दुरुपयोग करते हुए इस प्रकार के विवादों को तूल दे रहे हैं और सामाजिक सौहार्द तथा शांति के वातावरण को खराब कर रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इस प्रकार की कट्टरता की कठोर निंदा करता है। साथ ही यह स्पष्ट करना चाहता है कि इस प्रकार बेटियों का किसी भी तरह से दुरुपयोग कर कट्टरता फैलाने के ऐसे किसी भी प्रयास का घोर विरोध करता है।
5 मंच, 25 टीम
इंद्रेश कुमार के संबोधन के बाद पांचों मंच की टीमों ने यूपी, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के विभिन्न जिलों में जन जागरण अभियान चलाया। सईद ने बताया कि अभियान का जिन लोगों ने नेतृत्व किया उसमें राष्ट्रीय संयोजक, सह संयोजक, महासचिव, सचिव, कार्यकारी सदस्य समेत विभिन्न प्रकोष्ठ के प्रभारी व पदाधिकारी शामिल रहे। जिनमें मुख्य रूप से गोलक बेहारी, मोहम्मद अफजाल, पंकज गोयल, रविंद्र गुप्ता, भूपेंद्र कंसल, विराग पाचपोर, अजय कुमार मॉल, एसके मॉल, जनरल आर एन सिंह, परवेश खन्ना, रेशमा सिंह, माजिद तालिकोटि, गिरीश जुयाल, बिलाल उर रहमान, राजा हुसैन रिजवी, मोहम्मद अख्तर, खुर्शीद रजाका, मजहर खान, तुषारकांत, राजा ठाकुर रईस, शालिनी अली, शहनाज अफजल, रेशमा हुसैन, निखत परवीन, मोहम्मद बदरुद्दीन, अकील अहमद खान, प्रताप पल्ला, फारूरक खान, इमरान चौधरी, मोहम्मद साबरीन, शिवाजी सरकार, राजेश महाजन, अरुण कुमार, राजेश लांबा, निलेश दत्त, अजीमूल हक सिद्दीकी, अरशद इकबाल समेत 500 से अधिक कार्यकर्ताओं ने धुआंधार अभियान चलाया।
5 राज्यों में चुनावी चर्चा
शाहिद सईद ने बताया कि चंडीगढ़ में संघ नेता बड़ी तादाद में लोगों से सीधे तौर पर रूबरू हुए थे और उनके भाषण को पांच राज्यों के अनेकों स्थानों पर मौजूद लोगों तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पहुंचाया गया। मीडिया प्रभारी ने बताया कि इसके बाद फिर इन्हीं स्थानों पर मंच के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए लोगों को धर्म और मज़हब से ऊपर उठ के मजबूत सरकार चुनने के मतदान करने को कहा। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों के काम का लेखा जोखा पेश करते हुए एक बार फिर बीजेपी सरकार चुनने की अपील की गई। मंच के सदस्यों ने बताया कि आजादी के बाद से कांग्रेस और तथाकथित सेक्यूलर दलों के शासन में 35 हजार से ऊपर दंगे हुए। और अगर उत्तर प्रदेश की पिछली अखिलेश सरकार को देखा जाए तो 117 दंगे हुए थे। जबकि योगी की सरकार में कहीं भी कोई दंगा नहीं हुआ। मंच के सदस्यों ने बताया कि दृढशक्ति वाली मजबूत सरकार ही इस संकल्प के साथ काम कर सकती है।
विकास – विश्वास की सरकार
मीडिया प्रभारी शाहिद ने बताया कि मंच के सदस्यों ने सरकार के कामों की तारीफ करते हुए बताया कि आज मदरसा वक्त के साथ साथ चल रहा है। बच्चों को दीनी और मज़हबी तालीम के साथ दुनियावी और तकनीकी शिक्षा मिल रही है। हेल्थ कार्ड के जरिए इलाज कराना आसान हो गया है। उच्च शिक्षा को भी अधिक प्रभावशाली बनाया गया है। युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के उपाय किए गए हैं। शिक्षित बेरोजगारों को सुविधाजनक कर्ज देने की व्यवस्था की गई है। किसानों और मजदूर वर्ग के लिए तरह तरह की प्रभावशाली योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुस्लिम महिलाओं को इंस्टेन ट्रिपल तलाक से आजादी मिली है जिससे लगभग 8 करोड़ महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिला है। गांव गांव में इज्जतघार (शौचालयों) का निर्माण कराया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, जनधन योजना, उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, स्वरोजगार योजना जैसी योजनाओं का लाभ समाज के हर तबके और हर धर्म के लोगों को हुआ है। इस मौके पर यह भी आह्वान हुआ कि कट्टरता और नफरतों के सौदागरों को वोट की चोट जरूरी है। यह बात भी कही गई की हिंदू मुसलमान एक थे, एक हैं और एक रहेंगे।
एजेंडा 14 फरवरी
शाहिद सईद ने बताया कि 14 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 9 जिलों सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं और शाहजहांपुर की 55 सीटों पर वोट डाले जाएंगे इसके मद्देनजर इन स्थानों पर विशेष जन जागरण अभियान चलाया गया। उत्तराखंड में सभी 70 और गोवा की सभी 40 सीटों के लिए 14 फ़रवरी को मतदान होने हैं। इसलिए उत्तराखंड में अल्पसंख्यक बाहुल्य विधानसभा सीट हरिद्वार, उद्धमसिंह नगर और देहरादून को केंद्रित करते हुए जागरण कार्यक्रम किए गए जबकि गोवा में साउथ और नॉर्थ गोवा पर फोकस करते हुए जन जागरण अभियान चलाया गया। गोवा में 25% ईसाई और 8% मुस्लिम वोट हैं। जबकि उत्तराखंड की 22 सीट्स पर मुस्लिम वोटों के प्रभाव से फैसला होता है। मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को चुनाव होगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 14 मई को पूरा हो रहा है जबकि उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च को समाप्त हो रहा है। गोवा विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च और मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च को समाप्त हो रहा है।
संघ नेता ने बिना राजीव गांधी का नाम लिए हुए कहा कि एक समय देश के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि वो केंद्र से एक रुपया भेजते हैं तो वो सिक्का अपने गंतव्य स्थान पहुंचने तक 15 पैसा रह जाता है। यानी उनकी खुली स्वीकारोक्ति थी कि उनके राज में भ्रष्टाचार है। मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि सभी राजनीतिक दल इलेक्शन के समय अल्पसंख्यकों को भय दिखाते हैं कि आरएसएस और बीजेपी की सरकार आजाएगी तो उनके लिए खतरनाक होगा, उन्हें देश से निकाल दिया जाएगा। ऐसी कोढ़ी बातों के बीच अब मुस्लिम एवं अल्पसंख्यक समाज को यह सोचना चाहिये कि जो राजनैतिक पार्टियां मुसलमानो का सच्चा साथी होने का दावा कर रही हैं वह जब सत्ता में रहीं तो उन्होंने मुस्लिम समाज को क्या दिया? और जिनका भय दिखाया जा रहा है वह जब से सत्ता में हैं उन्होंने मुस्लिम समाज का नुकसान क्या किया? इसके उलट भारतीय जनता पार्टी की सरकार चाहे वो केन्द्र की हो या राज्य की जो भी सरकारी योजनाएं आईं हैं उनका सबसे ज्यादा लाभ मुस्लिम समाज को ही मिला है। अतः अब समाज को यह फैसला करना है कि वो किसके साथ रहेंगे कमल यानी बीजेपी के साथ या लूट पाट एवं स्कैम वाली असमाजिक सरकार के साथ।