राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) क्या NRC का रिहर्सल है?
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register) देश के सामान्य निवासियों की एक सूची है जो नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-ज़िला, ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बनाई जाती है।
कोई भी व्यक्ति जो 6 महीने या उससे अधिक समय से भारत में रह रहा है या अगले 6 महीने या उससे अधिक समय तक यहाँ रहने का इरादा रखता है, उसे राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होता है।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को नागरिकता कानून, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी करना) नियम, 2003 के प्रावधानों के अनुसार तैयार किया जाता है।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में पंजीकरण कराना भारत के प्रत्येक ‘सामान्य निवासी’ के लिये अनिवार्य है। देश के नागरिकों की पहचान का डेटाबेस एकत्र करने के लिये वर्ष 2010 में इसकी शुरुआत की गई थी।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का ये डेटा जनगणना-2021 के प्रथम चरण के आँकड़ों के साथ प्रकाशित किया जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान बायोमेट्रिक आँकड़ों को एकत्रित नहीं किया जाएगा।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में क्या है नया ?
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने के लिये 21 बिंदुओं के आधार पर डेटा एकत्रित किया जाएगा, जबकि वर्ष 2010 का राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 15 बिंदुओं के आधार पर एकत्रित आँकड़ों के अनुसार तैयार किया गया था ।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान माता-पिता की जन्म-तिथि और जन्म-स्थान को एक बिंदु के रुप में शामिल किया जाएगा, यह बिंदु पहले तैयार किये गए राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में शामिल नहीं था।
वहीं इस राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में अंतिम निवास स्थान, पासपोर्ट नंबर, आधार आईडी, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, वोटर आईडी कार्ड और मोबाइल नंबर को भी नये आँकड़ों के रूप में शामिल किया जाएगा, इन आँकड़ों को वर्ष 2010 के राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में शामिल नहीं किया गया था।
इस राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में माँ का नाम, पिता का नाम, पति और पत्नी के नाम से संबंधित तीन बिंदुओं को एक ही बिंदु में समाहित किया जाएगा।
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register) को अपडेट करने के लिये केंद्रीय मंत्रिमंडल से 3,941 करोड़ रुपए की मांग की है। गृह मंत्रालय ने वर्ष 2021 की जनगणना के लिये 8,754 करोड़ रुपए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने के लिये 3,941 करोड़ रुपए की मांग की है।