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नयी दिल्ली, 13 नवम्बर। उच्चतम न्यायालय ने एक अहम फैसले में कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष द्वारा 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को बरकरार रखा। हालांकि विधायकों को पांच दिसंबर को उपचुनाव लड़ने की अनुमति भी दे दी।
सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का वह हिस्सा हटा दिया जिसमें कहा गया था कि ये विधायक 15वीं कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक अयोग्य ही रहेंगे। इससे अयोग्य ठहराए गए विधायक कर्नाटक में पांच दिसंबर को होने वाला उपचुनाव लड़ सकते हैं।
न्यायमूर्ति एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि उपचुनाव जीतने पर ये विधायक मंत्री बन सकते हैं या सार्वजनिक कार्यालय का प्रभार संभाल सकते हैं।
अदालत ने इन विधायकों के उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल किए बिना सीधे शीर्ष अदालत का रुख करने के कदम पर नाखुशी भी जाहिर की।
वहीं शीर्ष अदालत ने कहा कि उसका फैसला मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर आधारित है और यह अध्यक्ष के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करता है।
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने विधानसभा में एच. डी. कुमारस्वामी सरकार के विश्वास प्रस्ताव से पहले ही 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। विधानसभा में विश्वास मत्र प्राप्त करने में विफल रहने पर मुख्यमंत्री कुमारस्वमी की सरकार ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, भाजपा के बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य में नयी सरकार का गठन हुआ।
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